सुधार, उधार, होता जाता है l
सुधार, उधार, होता जाता है l
सहज ही, भार होता जाता है ll
साहिल को सही, जानता ना है l
सहज मझधार, होता जाता है ll
ध्यान का ध्यान, करता रखता है l
सहज उद्धार, होता जाता है ll
व्यवसाय में, द्वेष विष रख रख कर l
सहज, विस्तार होता जाता है ll
प्यास पाने व पालने के बाद l
प्यास का वार, होता जाता है ll
अरविन्द व्यास “प्यास”