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30 Jun 2024 · 1 min read

सुधारौगे किसी को क्या, स्वयं अपने सुधर जाओ !

सुधारौगे किसी को क्या, स्वयं अपने सुधर जाओ !
बचाओ घर को औरों से, कोई तरकीब तुम लाओ !!
@ डॉ लक्ष्मण झा परिमल

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