Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Mar 2023 · 1 min read

सुदर्शन चक्र बनाम बुलडोजर (घनाक्षरी छंद)

सुदर्शन चक्र
बनाम बुलडोजर
घनाक्षरी छंद
*************
बलवान लोहे जैसे,सबल घमंडियों को,
कानून की भट्टियों में डालके गला दिया।

बढ़े घास जैसे अत्याचार, जब धरती पै,
बनके प्रचण्ड आग सबको जला दिया।

बनके पहाड़ दुष्ट आगे आए लड़ने को,
बेर पेड़ जैसा हर, बैरी को हला दिया।

मचाया आतंक जब,ब्रज में निशाचरों ने,
योगी कृष्ण जी ने बुलडोजर चला दिया।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
17/3/23

Language: Hindi
253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रभात वर्णन
प्रभात वर्णन
Godambari Negi
एक दो गाना संस्कृत में
एक दो गाना संस्कृत में
मधुसूदन गौतम
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तेरे ना होने का,
तेरे ना होने का,
हिमांशु Kulshrestha
हर एक चोट को दिल में संभाल रखा है ।
हर एक चोट को दिल में संभाल रखा है ।
Phool gufran
"दिल कहता है"
Dr. Kishan tandon kranti
कई रंग दिखाती है ज़िंदगी हमें,
कई रंग दिखाती है ज़िंदगी हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
“किताबों से भरी अलमारी”
“किताबों से भरी अलमारी”
Neeraj kumar Soni
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
Rajesh Tiwari
निभाना नही आया
निभाना नही आया
Anil chobisa
#व्यंग्य-
#व्यंग्य-
*प्रणय*
★डॉ देव आशीष राय सर ★
★डॉ देव आशीष राय सर ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
प्रणय गीत
प्रणय गीत
Neelam Sharma
एकांत में रहता हूँ बेशक
एकांत में रहता हूँ बेशक
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
परिवार जनों का प्रेम स्नेह ही जीवन की असली पूंजी है और परिवा
परिवार जनों का प्रेम स्नेह ही जीवन की असली पूंजी है और परिवा
Shashi kala vyas
जिसके पास कोई चारा न हो
जिसके पास कोई चारा न हो
Sonam Puneet Dubey
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"What comes easy won't last,
पूर्वार्थ
चाहत मोहब्बत और प्रेम न शब्द समझे.....
चाहत मोहब्बत और प्रेम न शब्द समझे.....
Neeraj Agarwal
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-176 के श्रेष्ठ दोहे पढ़िएगा
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-176 के श्रेष्ठ दोहे पढ़िएगा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
टूटता   है  यकीन  खुद  पर  से,
टूटता है यकीन खुद पर से,
Dr fauzia Naseem shad
खुली पलक में झूठ के,
खुली पलक में झूठ के,
sushil sarna
4521.*पूर्णिका*
4521.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
औपचारिक हूं, वास्तविकता नहीं हूं
औपचारिक हूं, वास्तविकता नहीं हूं
Keshav kishor Kumar
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
Dr Archana Gupta
जिंदगी की राहे बड़ा मुश्किल है
जिंदगी की राहे बड़ा मुश्किल है
Ranjeet kumar patre
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
*पर्यावरण दिवस * *
*पर्यावरण दिवस * *
Dr Mukesh 'Aseemit'
गुफ्तगू करना चाहो तो
गुफ्तगू करना चाहो तो
Chitra Bisht
Loading...