Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Dec 2017 · 1 min read

सुख में तो बनेंगें दोस्त बहुत

सुख में तो बनेंगे दोस्त बहुत
अपना होने का दावा करेंगे बहुत
सब कुछ हूं पर नहीं मतलबी मैं
जब कभी लगे छाया जीवन में अंधेरा
चिन्तायें लगाने लगें जब मन में डेरा
संग हंसने को तो है ये ज़माना बहुत
रोने को मन शुरु करे गर मचलना
कभी न हिचकना..न कभी घबराना
खुशियों में तो मिलेंगे सहारे बहुत
दर्द में गर कभी पड़े अकेले मुस्कुराना
बेझिझक मेरा ये द्वार खटकाना
ना होगा कोई स्वार्थ ना कोई बहाना
कोशिश होगी बस अपनों का दिल से मुस्कुराना
© अनुजा कौशिक

Language: Hindi
306 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

शब की ख़ामोशी ने बयां कर दिया है बहुत,
शब की ख़ामोशी ने बयां कर दिया है बहुत,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
Ravi Prakash
1🌹सतत - सृजन🌹
1🌹सतत - सृजन🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
विजयी
विजयी
Raju Gajbhiye
রাধা মানে ভালোবাসা
রাধা মানে ভালোবাসা
Arghyadeep Chakraborty
पत्नी की पहचान
पत्नी की पहचान
Pratibha Pandey
‘सच’ का सच
‘सच’ का सच
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
शीर्षक- *मजदूर*
शीर्षक- *मजदूर*
Harminder Kaur
प्रेम की कहानी
प्रेम की कहानी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
...
...
*प्रणय*
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
Atul "Krishn"
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
दर्द अपना संवार
दर्द अपना संवार
Dr fauzia Naseem shad
अहम तोड़ता आजकल ,
अहम तोड़ता आजकल ,
sushil sarna
मुकाम जब मिल जाए, मुकद्दर भी झुक जाता है,
मुकाम जब मिल जाए, मुकद्दर भी झुक जाता है,
पूर्वार्थ
3183.*पूर्णिका*
3183.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
Divya kumari
*हमारा संविधान*
*हमारा संविधान*
Dushyant Kumar
धनपत राय
धनपत राय
MUSKAAN YADAV
"स्मरणीय"
Dr. Kishan tandon kranti
"बेखुदी "
Pushpraj Anant
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
भीरू नही,वीर हूं।
भीरू नही,वीर हूं।
Sunny kumar kabira
किस-किस को समझाओगे
किस-किस को समझाओगे
शिव प्रताप लोधी
पिता के पदचिह्न (कविता)
पिता के पदचिह्न (कविता)
गुमनाम 'बाबा'
आज फ़िर एक
आज फ़िर एक
हिमांशु Kulshrestha
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों,
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों,
डी. के. निवातिया
17. बेखबर
17. बेखबर
Rajeev Dutta
Loading...