सुख को देखे हुए इक जमाना हुआ
अच्छे दिन का शुरू जब से गाना हुआ,
तब से महंगा बहुत आबोदाना हुआ!
मेरी बस्ती का हर शख्स कहता है अब,
सुख को देखे हुए इक जमाना हुआ!!
दाल सत्तर से सीधे हुई डेढ़ सौ,
और मसाले सभी मुंह चिड़ाने लगे!
मिर्च, हल्दी, धनी, जीरा महंगा हुआ,
दिन में तारे नजर सबको आने लगे!!
हर कोई है परेशां यही सोचकर!
अब तो मुश्किल बहुत, घर चलाना हुआ!!
अब नमक हो गया बीस रुपया किलो,
तेल सरसों का भी सौ रुपये हो रहा!
दूध के दाम अब दोगुना हो गए,
बढ़ती महंगाई में आमजन रो रहा!!
फीस बच्चों की भी बढ़ गई इस कदर!
बड़ा महंगा उन्हें अब पढ़ाना हुआ!!
अच्छे दिन का शुरू जब से गाना हुआ,
तब से महंगा बहुत आबोदाना हुआ!
मेरी बस्ती का हर शख्स कहता है अब,
सुख को देखे हुए इक जमाना हुआ!!
– विपिन शर्मा
रामपुर उत्तर प्रदेश