जिस सफर पर तुमको था इतना गुमां
रेत और रेगिस्तान भी सच कहते हैं।
6. GREAT MOTHER ( An Acrostic Poem )
मुझसे मेरा ही पता पूछते हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अभी ना करो कोई बात मुहब्बत की
करके ये वादे मुकर जायेंगे
जिसने सिखली अदा गम मे मुस्कुराने की.!!
सांसारिक जीवन के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है और आंतरिक जीव
इसीलिए तो कहता हूं, संवेदनाएं जिंदा रखो।
सुना ह मेरी गाँव में तारीफ बड़ी होती हैं ।