सुकून
आज आधुनिक समय में सुकून कहां हैं।
धन और सफलता की दौड़ में जहां हैं।
सुकून तो मन भावों में हम सबके बसा हैं।
हम सभी जानते और पहचानते मानते हैं।
बस रिश्ते और हक़ीक़त सुकून से सच हैं।
बनावटी सोच और मानसिकता के साथ हैं।
आज कल हम ढुढ़ते जीवन में सुकून हैं।
सोच समझ हमारी-आपकी मस्त पस्त हैं।
सुकून के लिए हम जिम और योगा करते हैं।
दिल और दिमाग में बस चहल-पहल रहती हैं।
हम सभी की जिंदगी में जरुरत सुकून की रहती हैं।
तेरे मेरे सपने और सहयोग की आशाएं जो कहती हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र