Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2021 · 1 min read

सुकून भरी चाय!

सुकून भरी चाय..
अब तक ..ना पी पाये!

शीतल हवा..
सपनों सा झरना
हंसती सी शाखो का
अपना सा लगना..
माथे की सिलवट
जीवन उलझाए
सुकून भरी चाय…
अब तक ना पी पाये!!

जख्मी सहजता का
अंतिम पड़ाव
सिलते लबों का
अधूरा रिसाव
चाय भरा कप
छलक छलक जाये!
सुकून भरी चाय
अब तक ना पी पाये!!

मीठे लहज़ोंं का
ठंडा सत्कार
अपनों की आंखों का
तिरस्कृत वो प्यार
चश्मा धुधंलाये
यूं ही बार बार

सुकून भरी चाय
अब तक ना पी पाये!

स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ

Language: Hindi
3 Likes · 516 Views

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
SUNIL kumar
निकल पड़े है एक बार फिर नये सफर पर,
निकल पड़े है एक बार फिर नये सफर पर,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
Don’t worry, the right one won’t leave.
Don’t worry, the right one won’t leave.
पूर्वार्थ
ग़ज़ल : कौन आया है ये मेरे आशियाने में
ग़ज़ल : कौन आया है ये मेरे आशियाने में
Nakul Kumar
जरा- जरा सी बात पर,
जरा- जरा सी बात पर,
sushil sarna
अनोखे संसार की रचना का ताना बाना बुनने की परिक्रिया होने लगी
अनोखे संसार की रचना का ताना बाना बुनने की परिक्रिया होने लगी
DrLakshman Jha Parimal
Life is Beautiful?
Life is Beautiful?
Otteri Selvakumar
मन वैरागी हो जाता है
मन वैरागी हो जाता है
Shweta Soni
गांधीजी का भारत
गांधीजी का भारत
विजय कुमार अग्रवाल
सोंच
सोंच
Ashwani Kumar Jaiswal
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
हरवंश हृदय
डॉ अरूण कुमार शास्त्री,
डॉ अरूण कुमार शास्त्री,
DR ARUN KUMAR SHASTRI
* ये काशी है *
* ये काशी है *
Priyank Upadhyay
जब तक हम अपने भीतर नहीं खोजते हम अधूरे हैं और पूर्ण नहीं बन
जब तक हम अपने भीतर नहीं खोजते हम अधूरे हैं और पूर्ण नहीं बन
Ravikesh Jha
हमसे ये ना पूछो कितनो से दिल लगाया है,
हमसे ये ना पूछो कितनो से दिल लगाया है,
Ravi Betulwala
आँखे हमारी पढ़ ले...
आँखे हमारी पढ़ ले...
Manisha Wandhare
चेहरा सब कुछ बयां नहीं कर पाता है,
चेहरा सब कुछ बयां नहीं कर पाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
- भाईयो के हाथो में कुछ भी नही भाभीया है सरताज -
- भाईयो के हाथो में कुछ भी नही भाभीया है सरताज -
bharat gehlot
रक्तदान
रक्तदान
Pratibha Pandey
नए शहर नए अफ़साने
नए शहर नए अफ़साने
Dr. Kishan Karigar
घर घर दीवाली
घर घर दीवाली
इंजी. संजय श्रीवास्तव
3134.*पूर्णिका*
3134.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सात जन्मों तक
सात जन्मों तक
Dr. Kishan tandon kranti
अयोध्याधाम
अयोध्याधाम
Sudhir srivastava
Bad in good
Bad in good
Bidyadhar Mantry
A GIRL IN MY LIFE
A GIRL IN MY LIFE
SURYA PRAKASH SHARMA
फिर से दोस्त बन जाते हम
फिर से दोस्त बन जाते हम
Seema gupta,Alwar
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
Loading...