सुकुने अहसास।
उनका लिखा कलाम सा लगता है।
पढ़के सुकूंने अहसास सा होता है।।
दर्द ए जख्म हवा सा उड़ जाता है।
हर अल्फाज़ मेहरबां सा लगता है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
उनका लिखा कलाम सा लगता है।
पढ़के सुकूंने अहसास सा होता है।।
दर्द ए जख्म हवा सा उड़ जाता है।
हर अल्फाज़ मेहरबां सा लगता है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️