सुंदरता और त्याग का प्रमाण रानी पद्मावती
सुंदरता और त्याग का प्रमाण रानी पद्मावती
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पद्मिनी पतिव्रता नारी थी वो
जौहर के लिए तैयार हुई ।
चित्तौड़ की खातिर रानी पद्मा
अग्नि को भी प्राप्त हुई ।
त्याग, वीरता,सम्मान की
गाथा यही बतलाती है ।
रानी पद्मिनी अपनी सुंदरता, त्याग
के लिए संसार में जानी जाती हैं ।
रत्नसिंह ने जीता स्वयंवर
पाया पद्मिनी को उसने ।
सिंहलद्वीप की बेटी अब
चित्तौड़ की रानी कहलाई ।
पद्मिनी के सौंदर्य का
खिलजी को जब चला पता ।
पद्मिनी को पाने का उसने
वहीं पर ही संकल्प किया ।
भिजवाया संदेश रतन को
मिलना चाहे रानी से ।
करे रतन अब क्या ? मजबूर
खिलजी की शक्ति के आगे ।
स्वीकार किया उसका संदेश
पर शर्त यहीं रख डाली थी ।
छवि दिखेगी महल के तल में
उसको पद्मिनी रानी की ।
स्वीकार किया खिलजी ने यह आदेश
महल में तुरंत पहुंच गया ।
छवि देख जल में पद्मिनी रानी की
मंत्रमुग्ध उस पर, प्रण यह लिया ।
खिलजी की रानी बनेगी पद्मिनी
चाहे कुछ भी हो जाए ।
छल,कपट चाहे युद्ध के बल पर
रानी पद्मिनी खिलजी चाहे ।
कर चढ़ाई कैद किया रत्न को
छल से उसको धर लिया ।
रानी ने बल-बुद्धि के बल पर
रतन को कैद से छुड़ा लिया ।
पतिव्रता नारी थी पदमा
जौहर को मंजूर किया ।
पति की खातिर उसने स्वयं को
अग्नि के सुपुर्द किया ।