सुंदरता
1
मन में कर चिंतन मनन, भावों पर हो शोध
तब होता है आंतरिक , सुंदरता का बोध
2
केवल सुंदर तन नहीं,सुंदरता का सार
सुंदर होने चाहिये, दिल विचार व्यवहार
3
ये जीवन अनमोल है, नित्य करो सब योग
इससे सुंदरता बढ़े, दूर रहें सब रोग
4
अगर ज्ञान सौंदर्य सँग,हों मोहक अंदाज
तब जाकर सर पर सजे, सुंदरता का ताज
5
माया से मत मोह कर, सुंदरता से नेह
धन रह जाता है यहीं, नश्वर है ये देह
31-01-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद