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5 Apr 2024 · 1 min read

सुंदरता के मायने

हाथों में किताब, आँखों में ख़्वाब रखते हों,
चेहरे पर सादगी का रूमाल रखते हो ।

तुम चाहें कुछ भी पहनों,
पर सूट सलवार में लाजवाब लगते हों ।।

चलीं जब, क्या कमाल लगतें हो,
बैठों जब, बेमिसाल लगते हों ।

सारे फूल तुम्हारे सामने हैं फीकें,
तुम खूबसूरती का गुलाब लगते हो ।।

तुम चाहें कुछ भी पहनों,
पर सूट सलवार में लाजवाब लगते हों ।

बोलों जब मिठास झड़े जैसे,
तुम शहद का मिज़ाज रखते हों ।।

तुम व्याकरण हो मेरे शब्दों की,
तुम मेरे सभी प्रश्नों के जवाब लगते हो ।

पायी हैं सूरत के साथ सीरत की भी सुंदरता,
ज़्यादा न कहकर बस इतना कहूँगा ।।

तुम मुझे कमाल लगते हो ।
तुम चाहें कुछ भी पहनों, पर सूट सलवार में लाजवाब लगते हों ।।

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