Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2017 · 4 min read

सीमा का संघर्ष पार्ट 2

सीमा ने जैसे ही फांसी का फंदा गले में लगाया था, वैसे ही कमरे के दरवाजे से खट-खट की आवाज़ आई, बाहर दरवाजे पर सीमा की माँ खड़ी थी, सीमा बेटी दरवाज़ा खोलो बहुत देर तक दरवाज़ा ना खोलने पर सीमा की माँ डरने लगी. पता नहींसीमा दरवाज़ा क्यूँ नहींखोल रही है. सीमा की माँ ने सीमा के पिता को आवाज़ दी, अजी सुनते हो सीमा के बाऊ जी देखना सीमा दरवाज़ा नहीं खोल रही है ना जाने क्या हुआ क्या कर रही है अन्दर से कुछ बोल भी नहीं रही है, कुछ हो तो नहींगया मेरी प्यारी बेटी को?
जैसे-तैसे सीमा के पिता जी ने दरवाज़ा तोडा. जैसे ही सीमा के मात पिता ने कमरे में प्रवेश किया उन्होंने देखा की उनकी पुत्री सीमा ने पंखे से रस्सी लगा कर लटकी हुई थी सीमा के माता-पिता डर गये. उन्हें कुछ भी समझ नहीं आया की ऐसी क्या बात हुई की जिसके कारण सीमा को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा? उन्होंने सीमा को नीचे उतार कर उसकी साँसे और हाथ की नसे देखने लगे, अभी तक सीमा की साँसे हल्की-हल्की चल रही थी |
सीमा के माता पिता सीमा को तुरंत अस्पताल ले गय, वहां डॉक्टर ने तुरंत पांच लाख रूपये जमा करवाने के लिए बोला किसी तरह सीमा के माता पिता ने पाई-पाई करके सीमा के इलाज के लिए इतनी बड़ी रकम का इंतजाम कर अस्पताल में जमा करवा दिए . सीमा के इलाज़ में इतने पैसे खर्च हो चुके थे की सीमा की माँ के सभी गहने यहाँ तक घर भी गिरबी रखना पड़ा था .
सीमा इन सभी बातों से अनजान थी सीमा के माता पिता ने सीमा को ये सब बातें नहींबताई. क्योंकी उन्हें डर था की कही ये बात पता चलने के बाद सीमा दोबारा कोई गलत कदम ना उठा ले. सीमा के हालत में धीरे धीरे सुधार हो रहा था, सीमा के माता पिता सीमा से पूछते बेटी तुमने ऐसा क्यों किया, ऐसा करने से पहले क्या एक बार भी हमारे बारे में सोचा की अगर तुम ही नहींहोगी तो हमारा क्या होगा. हमारी बेटी ही तो हमारी शान है . माता पिता के बार पूछने पर भी सीमा ने अपने माता-पिता को कुछ नहींबताया शायद सीमा अभी भी अंदर से डरी हुई थी .
एक दिन घर की सफाई करते हुए सीमा की माँ को सीमा के कमरे से एक पेपर रखा हुआ मिला जिस पेपर में सीमा ने आत्महत्या जैसा कदम उठाने से पूर्व अपनी आप बीती लिखी थी, की किस कारण सीमा को अपनी ज़िन्दगी को खत्म करने का फैसला लेना पड़ा. सीमा की माँ ने सीमा को यह बात न बता कर सीमा के बाऊ जी को यह पात्र दिखाया .
सीमा के माता पिता पत्र पढ़ कर दंग रहे गये थे इन्हें समझ आ गया था की क्यों हमारी बेटी को यह कदम उठाना पड़ा. जैसे-जैसे सीमा के माता पिता पत्र पढ़ते गये वैसे-वैसे ही दोनों की आँखों से आंसुओं की बरसात होने लगी और दोनों आपस में धीरे से बात करने लगे की हमारी बेटी चुपचाप यह सब सहती रही और हमसे इस बारे में कुछ जिक्र तक नहींकिया. क्योंकी सीमा डरती थी की अगर हमें इस बात का पता लग जाएगा तो इसके बाद हम सीमा की पढाई बंद करवा देंगे, इन सब हादसों की वजह से ही सीमा इस वर्ष अपनी परीक्षा में पास नहीं हो सकी. सीमा ने हमारे डर और परिवार की इज्ज़त के कारण यह बात हमकों ना बता कर आत्महत्या जैसा कदम उठाना ही सही समझा.
सीमा के माता पिता इस पत्र को पढ़कर शर्मिंदा थे, वह दोनों इस पत्र को पढने के बाद सीमा से बात करने की हिम्मत नहींजुटा पा रहे थे. एक दिन सीमा की माँ ने हिम्मत करके इस विषय पर सीमा से बात की छुप-छुप कर सीमा के पिता जी भी उनकी यह बाते सुन रहे थे सीमा के पिता जी भी मौका मिलते ही सीमा की माँ के पास जाकर बैठ गये और दोनों सीमा से क्षमा मांगते हुए कहने लगे की बेटी हमें माफ़ कर देना हमने कभी तुम्हे अपने मन की बात कहने का अवसर ही नहीं दिया समाज केबारे में सोचत-सोचते हमने तुम्हारे मन में लड़की होने के नाते एक डर बैठाये रखा , हमने कभी नहीं पुछा तुम्हें कुछ परेशानी तो नहीं.
माता पिता की यह सब बाते सुनकर सीमा की आँखों में आंसु छलकने लगे और सीमा ने भी अपने माता-पिता से माफ़ी मांगी और माता-पिता से कहने लगी की मैं अंदर से बहुत डरी हुई थी. परीक्षा में फेल हो गयी थी मुझे इस बात का डर था की पता नहीं आस पडोस और दुनिया वालें सब मेरे बारे में क्या-क्या बोलते? न जाने कितनी ही बाते बनाते और मैंने भी कभी आपसे बोलने की हिम्मत भी नहीं दिखाई और किसी को मैं ये बात चाह कर भी नहीं बता सकती थी. अपनी और परिवार की इज्ज़त और सुरक्षा के लिए मुझे कोई और दूसरा रास्ता नहीं सुझा, मैंने अपने आप और परिवार को बदनामी के डर से बचाने के लिए अपने आप को मरना ही सही समझा .
सीमा की यह सब बातें सुनकर और प्यार देख कर सीमा के माता-पिता की आँखों में आंसू आने लगे दोनों ने सीमा को अपने गले से लगा लिया और सीमा को समझाया बेटी आज के बाद आगे से अगर तुम्हे कोई भी परेशानी हो तो बिना डरे हुए हमसे आकर कहना समाज वालों के बारे में कुछ भी मत सोचना दुनिया वाले तो बोलते रहते है हमारे लिए पहले हमारी बेटी सीमा है फिर समाज के लोग .

भूपेंद्र रावत
०१/०८/२०१७

Language: Hindi
1 Like · 359 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

📚पुस्तक📚
📚पुस्तक📚
Dr. Vaishali Verma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
Disagreement
Disagreement
AJAY AMITABH SUMAN
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
मानवता
मानवता
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
gazal
gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बिजलियों का दौर
बिजलियों का दौर
अरशद रसूल बदायूंनी
प्राथमिकता
प्राथमिकता
Dr. Kishan tandon kranti
👌दावा या धावा?👌
👌दावा या धावा?👌
*प्रणय*
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
Ravikesh Jha
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
कहे करेला नीम से
कहे करेला नीम से
RAMESH SHARMA
बरसात
बरसात
Dr.Pratibha Prakash
“दूल्हे की परीक्षा – मिथिला दर्शन” (संस्मरण -1974)
“दूल्हे की परीक्षा – मिथिला दर्शन” (संस्मरण -1974)
DrLakshman Jha Parimal
हारता वो है जो शिकायत
हारता वो है जो शिकायत
नेताम आर सी
परिवार
परिवार
Neeraj Agarwal
11. O My India
11. O My India
Santosh Khanna (world record holder)
कल रात
कल रात
हिमांशु Kulshrestha
हर समय आप सब खुद में ही ना सिमटें,
हर समय आप सब खुद में ही ना सिमटें,
Ajit Kumar "Karn"
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
manjula chauhan
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
Rj Anand Prajapati
सितारे  अभी  जगमगाने  लगे।
सितारे अभी जगमगाने लगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नारी स्वाधीन बन
नारी स्वाधीन बन
Anant Yadav
रिश्ते को इस तरह
रिश्ते को इस तरह
Chitra Bisht
तुम
तुम
Juhi Grover
#शीर्षक- नर से नारायण |
#शीर्षक- नर से नारायण |
Pratibha Pandey
हार नहीं जाना
हार नहीं जाना
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
अपनी क्षमता का पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना ही इस दुनिया में सब
अपनी क्षमता का पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना ही इस दुनिया में सब
Paras Nath Jha
आज के रिश्ते: ए
आज के रिश्ते: ए
पूर्वार्थ
हम में,तुम में दूरी क्यू है
हम में,तुम में दूरी क्यू है
Keshav kishor Kumar
Loading...