कच्चे मकान
बारिश बरसे, बिजली चमके
टूटी छत से पानी टप-टपके
कच्चे मकान से कुछ रिश्ते हैं
भटकते बिखरते कुछ रिश्ते हैं
धरती आसमां का मिलन हुआ
बूंदें बरसी, तन मिट्टी का गीला
शबनम की बूंदें, सीप के मोती
फूल कमल, कोमल सी है पत्ती
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा