सीने में रख
मर जाएगा कोई तुम्हें याद करके
क्या मिलेगा जिंदगी बर्बाद करके
कोई जन्नत की चाह नहीं है मौला
लौट आया हूँ खाली फरियाद करके
जले हुए दिल से तो धूआँ ही उठेगा
क्या देखते हो फिर बरसात करके
मेरी तबाही में एक नाम तेरा भी है
फिर क्यों रोती हो सुबह शाम करके
अब दिल पत्थर का ना रख यारा
सीने में रख ‘राज ‘को राज करके
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राज स्वामी