Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2023 · 2 min read

#सीधे हैं राहूकेतु

🙏~ किसी ने कहा था कि उर्दू भाषा की सहायता के बिना सिनेप्रेमगीत लिखे ही नहीं जा सकते। तब गीतों में प्रतीक और बिंब भी वो लिए जाने लगे जिनका हमारे जीवन से कहीं कोई मेल न था।

यदि किसी ने इस कथन को झुठलाने का प्रयास किया भी तो उसको हँसी-ठिठोली अथवा उपहास में उड़ा दिया गया। एक ऐसा ही प्रयास था यह गीत :

“प्रिये प्राणेश्वरी हृदयेश्वरी
यदि आप हमें आदेश करें तो
प्रेम का हम श्रीगणेश करें. . .”

इस गीत का छायांकन इस विधि हुआ कि हिंदीजन अपनी भाषा पर लज्जित हों।

अब ?

नीचे प्रस्तुत मेरी सद्यगीतिका “सीधे हैं राहूकेतु. . .” को किसी सिनेगीत की लय पर गाकर परखें। मन मुदित तो मेरी पीठ स्नेहिल स्पर्श मांगती है।~

✍️

★ #सीधे हैं राहूकेतु ★

सीधे हैं राहूकेतु
वक्री हैं शेष सारे
मेरी प्रीत भँवर में उलझी
दूर हटे किनारे

सीधे हैं राहूकेतु . . . . .

झोली में भर ही लूंगा
चंदा की चाँदनी को
मैं उतर गया समर में
सोचे बिना विचारे

सीधे हैं राहूकेतु . . . . .

सब बाएं होके निकले
मेरे दाहिने न कोई
मैं शकुन ही बांच लेता
उसने नयनबाण मारे

सीधे हैं राहूकेतु . . . . .

निजपगों की छब चीह्नता
साजन की वीथियों में
धरती कहाँ छुई थी
मैं उड़ा परों सहारे

सीधे हैं राहूकेतु . . . . .

चढ़ युक्तियों के कांधे
होते सरल सभी पथ
इस घाट के सभी मल्ल
सब उक्तियों के मारे

सीधे हैं राहूकेतु . . . . .

अष्टम हुआ है मंगल
शनि राँधता लगन में
तीनों हैं दृष्टिपथ में
बलविक्रम राजदरबारे

सीधे हैं राहूकेतु . . . . .

शकुनि हुआ समय अब
लेकरके भूतपांसे
मेरे नवें घर का स्वामी
अटका सदनद्वारे

सीधे हैं राहूकेतु . . . . .

कैसा हुआ है कौतुक
खेलें कि खेल देखें
उन्हीं को खोजते हम
जो न हो सके हमारे

सीधे हैं राहूकेतु . . . . .

मैं कहाँ से खोज लाता
लेखों का लिखनेहारा
कविराज तो बहुत थे
ब्रह्माब्रह्माणी सिधारे

सीधे हैं राहूकेतु . . . . . !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज बाजार बन्द है
आज बाजार बन्द है
gurudeenverma198
खद्योत हैं
खद्योत हैं
Sanjay ' शून्य'
"" *सौगात* ""
सुनीलानंद महंत
आसमाँ के परिंदे
आसमाँ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
दूषित न कर वसुंधरा को
दूषित न कर वसुंधरा को
goutam shaw
It is what it is
It is what it is
पूर्वार्थ
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रियतम तुम हमको मिले ,अहोभाग्य शत बार(कुंडलिया)
प्रियतम तुम हमको मिले ,अहोभाग्य शत बार(कुंडलिया)
Ravi Prakash
"ओ मेरी लाडो"
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क का तोता
इश्क का तोता
Neelam Sharma
तोड़ कर खुद को
तोड़ कर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
इश्क़ में कोई
इश्क़ में कोई
लक्ष्मी सिंह
मैं इंकलाब यहाँ पर ला दूँगा
मैं इंकलाब यहाँ पर ला दूँगा
Dr. Man Mohan Krishna
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
Manisha Manjari
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
Ravi Betulwala
देख तो ऋतुराज
देख तो ऋतुराज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
Ashok deep
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
Shashi kala vyas
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस
Paras Nath Jha
रेस का घोड़ा
रेस का घोड़ा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#विषय --रक्षा बंधन
#विषय --रक्षा बंधन
rekha mohan
आया नववर्ष
आया नववर्ष
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
23/62.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/62.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुनो मोहतरमा..!!
सुनो मोहतरमा..!!
Surya Barman
..
..
*प्रणय प्रभात*
गुरु से बडा ना कोय🙏
गुरु से बडा ना कोय🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
Manoj Mahato
-अपनी कैसे चलातें
-अपनी कैसे चलातें
Seema gupta,Alwar
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...