सीता ने हर ले गया रावण
सीता ने हर ले गया रावण ढूंढ ढूंढ तुम
हारे थे
बाली मारा धोखे से सुग्रीव क्यों इतने प्यारे थे
अंगद प्राण प्यारे थे तारा का कौन सहारा है
हनुमान जी गए लंका में सीता का भेद लगाया था
बाग उजाडा अक्षय मारा रावण को समझाया था
सारा जोर लगाया था बचा और न कोई चारा है
रावण के संग जंग हुआ विभीषण ने भेद बताया था
नाभि में तुम मारो तीर न्यू रावण को मरवाया था
फिर पाछे पछताया था मैंने कुछ भी नहीं विचारा है
अग्नि परीक्षा ली पहले सीता जी फिर अपनाई थी
तीनों वापस आए अवध में सब ने खुशी मनाई थी
माताएं हर्षाई थी तु उनकी आंख का तारा है
निर्दोष सती वनवास गई ना कुछ भी दोष बताया था
पाप किया क्यों इतने तुमने रहम जरा ना आया था जुलम क्यों इतना ढाया था ना कुछ भी सोच विचारा है
जिसा बोया उसा काट लिए बलदेव सिंह बतलाते हैं
करनी का फिल मिले जरूर वेद शास्त्र समझाते हैं
हर के गुण हम गाते हैं बिन उसके नहीं गुजारा है