सीता छंद
सीता छंद: मापनीयुक्त वर्णिक
2122 2122 2122 212
*********************
शारदा ! स्वीकारिये माँ! दास की ये याचना ।
ज्ञान की धारा बहे माँ प्यार की हो भावना ।।
लेखनी माँ लक्ष्य भेदे प्रेम हो आराधना ।
कृष्ण-सा हो इष्ट मेरा राधिका-सी साधना ।।
*
राधिका के नाम से संसार की व्याधा कटें ।
कष्ट पाते वे नहीं जो नाम राधा का रटें ।।
शक्ति है ये कृष्ण की राधा सुहाना नाम है ।
राधिका के नाम से आता स्वयं ही श्याम है ।।
*
राधे…राधे…!
?
महेश जैन ‘ज्योति,
मथुरा !
***
???