सीख लिया है।
ज़ख्मों पर पैमंद।
सुनो,
आजकल मैंने ज़ख्मों का
मेकप करना सीख लिया है।
तेरी भूली बिसरी यादों से मैंने
ब्रेकअप करना सीख लिया है।
आंखों में तैरते एकाकीपन को,
मुस्कान से ढकना सीख लिया है।
हां, मैंने अपने ज़ख्मों का कुछ
मेकप करना सीख लिया है।
जो भर न सके किसी औषधि से,
नहीं सूखे जड़ी-बूटियों, मरहम से।
जो तुमने दिये उन ज़ख्मों पर मैंने
खुशियों की दिखावट का
पैबंद लगाना सीख लिया है।
मैंने भी कुछ गैरों को अब
अपना बताना सीख लिया है।
नहीं देते अपने साथ यहां
है मतलबी ज़माना, सीख लिया है।
मैंने भी रोते इस दिल को
बस यूं ही बहलाना सीख लिया है।
चेहरे पर लगाकर चेहरा ज़ख्मों को
छिपाना सीख लिया है।
नीलम शर्मा