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22 Feb 2023 · 1 min read

सीखे तुझी से जीने के अंदाज़ ज़िन्दगी

सीखे तुझी से जीने के अंदाज़ ज़िन्दगी
लेकिन न जान पाये तेरे राज़ ज़िन्दगी

सुख दुख की ताल पर सजा इक साज़ ज़िन्दगी
लगती कभी है आँसू कभी ताज ज़िन्दगी

भरती पतंग सी रही परवाज़ ज़िन्दगी
सांसों की एक डोर की मोहताज़ ज़िन्दगी

हमने वफ़ा निभाने में छोड़ी नहीं कसर
आई न बेवफाई से पर बाज़ ज़िन्दगी

हमको सता ले ,दर्द दे तू जितने भी यहाँ
हमने सदा ही तुझपे किया नाज़ ज़िन्दगी

घर हो ,सड़क हो या चले जाओ विदेशों में
महफूज़ ही नहीं है कहीं आज ज़िन्दगी

देती हमें है पर बहुत कुछ छीनती भी है
सब पर गिराती रहती बड़े गाज़ ज़िन्दगी

हो जाती है जब ‘अर्चना’ खामोश ये यहाँ
देती नहीं है फिर कभी आवाज़ ज़िन्दगी

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
1 Like · 154 Views
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