सिसकीया लेकर मत रोने देना।
अकेला कभी मत होने देना ।
सिसकीया लेकर मत रोने देना ।
टुटकर कहीं बिखर न जाऊ,
दुश्मनो के हाथों कभी मत होने देना।
खुद की तस्वीर भी धुधली लगने लगती हैं,
कभी आँखो मे आंसूओ को मत आने देना।
रह जायेगे किताब मे मेरे अल्फाज सिमटकर,
दुनिया की भीङ मे मुझे मत खोने देना।
सुना है तेरी महफिल गालिबो से भरी है,
आ गया मै भी खाली मुझे मत जाने देना।
चाहता है राजेन्द्र फलक पर नाम लिख आये,
शुलगते शोलो को मत सोने देना।
राजेन्द्र कुशवाहा