Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं

सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं,
मुस्कराहट बन लोगों को उलझाती हैं।
धाराशाही होते हैं अश्क बस अपने हीं दामन में,
और सूखे नज़रों की तल्ख़ आँखों को भरमाती है।
हर धड़कन संग गूंजती है दर्द की सदा,
यूँ निःशब्द चीखें अपने हीं कानों को सहलाती हैं।
निष्प्राण कदम जो छुपाते हैं, खुद को दरवाजों की ओट में,
तपती धूप में काया को खुद के हीं झुलसाती हैं।
एक साथ की आस में भटकते हैं जो हाथ,
अपनी कलाई की कठोरता से, भ्रम के पर्दें गिराती हैं।
छाई रहती हैं यादें, हर क्षण मन के पटल पर,
पर कठोर संयम जज्बातों पर पहरे बखूबी लगाती हैं।
एक तूफ़ान सा है जो सबकुछ बिखेरे बैठा है,
और एक अस्तित्व है जो, तिनकों से खुद को बहलाती है।
विपरीत धारा ने चोटिल किया है, निरंकुशता से,
पर स्वाभिमान की ठंडक है जो, संतुष्टि की धारा में बहाती है।
बुरे वक़्त की स्याही ने बेवफाई पन्नों से कर डाली है,
पर ज़हन को नए शब्दों का मतलब भी तो ये सिखलाती है।

2 Likes · 86 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

3915.💐 *पूर्णिका* 💐
3915.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
स्नेह मधुरस
स्नेह मधुरस
surenderpal vaidya
ऋतु शरद
ऋतु शरद
Sandeep Pande
एक कवि हूँ
एक कवि हूँ
Meera Thakur
This Love That Feels Right!
This Love That Feels Right!
R. H. SRIDEVI
8. Rainbow
8. Rainbow
Ahtesham Ahmad
*बादल छाये नभ में काले*
*बादल छाये नभ में काले*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
और हो जाती
और हो जाती
Arvind trivedi
पंख पतंगे के मिले,
पंख पतंगे के मिले,
sushil sarna
दिलकश
दिलकश
Vandna Thakur
"दयानत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"लिख दो"
Dr. Kishan tandon kranti
आनंद
आनंद
Rambali Mishra
मन की प्रीती
मन की प्रीती
Dr.Pratibha Prakash
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
अजहर अली (An Explorer of Life)
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
Manoj Shrivastava
शतरंज
शतरंज
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
From Dust To Diamond.
From Dust To Diamond.
Manisha Manjari
वीकेंड
वीकेंड
Mukesh Kumar Sonkar
नियम पुराना
नियम पुराना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
“अधूरी नज़्म”
“अधूरी नज़्म”
Meenakshi Masoom
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अपना अपना भारत
अपना अपना भारत
Shekhar Chandra Mitra
माँ सच्ची संवेदना...
माँ सच्ची संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कमिशन
कमिशन
Mukund Patil
तुम
तुम
Tarkeshwari 'sudhi'
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
sushil sharma
चुनौती  मानकर  मैंने  गले  जिसको  लगाया  है।
चुनौती मानकर मैंने गले जिसको लगाया है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
Atul "Krishn"
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
Loading...