सिलसिला
क्या इस बदलती दुनिया के साथ, मुझे भी बदलना पड़ेगा।
दिल में कुछ और जुबान पर कुछ और ,
ये सिलसिला रखना पड़ेगा ।
अपना अपना सबको कहना ,पर दिल से किसी को अपना ना समझना ,दिल में कड़वाहट पर जुबान पर मिस्त्री घोलना पड़ेगा। करके छल्ली दिल किसी का ,फिर उसके दिल पर मरहम लगाना पड़ेगा।
क्या इस बदलती दुनिया के साथ, मुझे भी बदलना पड़ेगा
ये सिलसिला रखना पडेगा।