Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2020 · 1 min read

सियासत

यहाँ कब बिगड़े हालात को सँभाला जाता है
यहाँ तो बस सियासी मुद्दा उछाला जाता है

अपनी अपनी रोटियाँ सेकतें है सियासतदाँ
क्या परवाह किसके मुँह का निवाला जाता है

– ‘अर्श’

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 220 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
Anand Kumar
#एक_शेर
#एक_शेर
*Author प्रणय प्रभात*
काव्य भावना
काव्य भावना
Shyam Sundar Subramanian
मेहनतकश अवाम
मेहनतकश अवाम
Shekhar Chandra Mitra
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
Manisha Manjari
बात है तो क्या बात है,
बात है तो क्या बात है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
सुनो . . जाना
सुनो . . जाना
shabina. Naaz
"भाभी की चूड़ियाँ"
Ekta chitrangini
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
कृष्णकांत गुर्जर
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
The OCD Psychologist
The OCD Psychologist
मोहित शर्मा ज़हन
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
Ram Krishan Rastogi
चांद चेहरा मुझे क़ुबूल नहीं - संदीप ठाकुर
चांद चेहरा मुझे क़ुबूल नहीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
"जगदलपुर"
Dr. Kishan tandon kranti
🥰🥰🥰
🥰🥰🥰
शेखर सिंह
मेरी देह बीमार मानस का गेह है / मुसाफ़िर बैठा
मेरी देह बीमार मानस का गेह है / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
Neeraj Agarwal
कविता: स्कूल मेरी शान है
कविता: स्कूल मेरी शान है
Rajesh Kumar Arjun
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
उत्तम देह
उत्तम देह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरी कविताएं पढ़ लेना
मेरी कविताएं पढ़ लेना
Satish Srijan
सेंगोल और संसद
सेंगोल और संसद
Damini Narayan Singh
का कहीं रहन अपना सास के
का कहीं रहन अपना सास के
नूरफातिमा खातून नूरी
दीवाली की रात आयी
दीवाली की रात आयी
Sarfaraz Ahmed Aasee
रिस्ता मवाद है
रिस्ता मवाद है
Dr fauzia Naseem shad
*सब दल एक समान (हास्य दोहे)*
*सब दल एक समान (हास्य दोहे)*
Ravi Prakash
Loading...