“सियासत और हिन्दू-मुस्लमान”
नफरत की आग लगाकर फिर..
हिंदुस्तान बचाने चल दिए..
वो राम बचाने चल दिए..
हम ईमान बचाने चल दिए..
खून के प्यासे होकर हम..
काट के गर्दन,एक-दुजे की..
वो शमशान बचाने चल दिए..
हम कब्रस्तान बचाने चल दिए..
चैन सुकुन मिटाकर वो..
अमन बचाने चल दिए..
नोचकर फूल शाखो से..
वो चमन बचाने चल दिए..
तोडकर दोस्ती बचपन की..
और साथ छोड़कर चल दिए..
वो हिन्दू बनकर निकल पडे..
हम मुस्लिम बनकर चल दिए..
(#ज़ैद_बलियावी)