Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

सिमट रहीं हैं वक्त की यादें, वक्त वो भी था जब लिख देते खत पर

सिमट रहीं हैं वक्त की यादें, वक्त वो भी था जब लिख देते खत पर सब दिल बातें !!

1 Like · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Kishan tandon kranti
कोशिश
कोशिश
विजय कुमार अग्रवाल
मनांतर🙏
मनांतर🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"शाम-सवेरे मंदिर जाना, दीप जला शीश झुकाना।
आर.एस. 'प्रीतम'
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
gurudeenverma198
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....,
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....,
कवि दीपक बवेजा
Memories
Memories
Sampada
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वक़्त की मुट्ठी से
वक़्त की मुट्ठी से
Dr fauzia Naseem shad
एहसास
एहसास
Vandna thakur
बस नेक इंसान का नाम
बस नेक इंसान का नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तुमसे इश्क करके हमने
तुमसे इश्क करके हमने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मां
मां
Amrit Lal
..
..
*प्रणय प्रभात*
प्यार का उपहार तुमको मिल गया है।
प्यार का उपहार तुमको मिल गया है।
surenderpal vaidya
कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
“ज़िंदगी अगर किताब होती”
“ज़िंदगी अगर किताब होती”
पंकज कुमार कर्ण
देव-कृपा / कहानीकार : Buddhsharan Hans
देव-कृपा / कहानीकार : Buddhsharan Hans
Dr MusafiR BaithA
सर्दी और चाय का रिश्ता है पुराना,
सर्दी और चाय का रिश्ता है पुराना,
Shutisha Rajput
2513.पूर्णिका
2513.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
sushil yadav
अब नहीं पाना तुम्हें
अब नहीं पाना तुम्हें
Saraswati Bajpai
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
Anil Mishra Prahari
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जीवन बरगद कीजिए
जीवन बरगद कीजिए
Mahendra Narayan
*आई बारिश घिर उठी ,नभ मे जैसे शाम* ( *कुंडलिया* )
*आई बारिश घिर उठी ,नभ मे जैसे शाम* ( *कुंडलिया* )
Ravi Prakash
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
Shweta Soni
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
डॉक्टर रागिनी
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
Ranjeet kumar patre
Loading...