सिपाही
शीर्षक – सिपाही
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देश हमारा हम सिपाही हैं।
वर्दी हमारी शान होती हैं।
हम सबकी देश जान हैं।
जीवन और जिंदगी साथ हैं।
देश हमारा प्यारा होता हैं।
सिपाही की सोच होती हैं।
वतन और कुदरत कहती हैं।
हमारी जिंदगी देश संग होती हैं।
फ़र्ज़ तो देश के होते हैं।
देश दुनिया के साथ रंगमंच हैं।
सिपाही हम वतन के रक्षा करते हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र