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28 Jan 2020 · 2 min read

सिगरेट से भविष्य

फुली हुई सांसो से अपनी बात को पुरी करने की कोशिश करते हुये उसने जबरदस्ती दम खीँचा और बोला

भाईजी एक सिगरेट दइयो…….!

दुबला-पतला शरीर और भय रहित ललक से वह लड़का मानो कह रहा हो की उसके पास समय नहीं है उसकी भूरी आँखो पर आगे हुये बाल और टन्टो से ऊपर पेंट और भूरे कलर की टी शर्ट जो गले मे डाले हुये लोकेटो से दबी हुई थी वह तकरीबन 14 साल के करीब था

कित्ती ?? मैने पुछा
एक ही देदयो भाई जी ……(उसने बेमन और तीव्रता का मिश्रण करते हुए उत्तर दिया)
उसका साथी जो साईकल पर बैठा हुआ उसकी प्रतिक्षा मे नजरे बिछाये खड़ा था उसने इशारा करते हुये कहा की ……एक नहीं दो ल्या बटण हारी और साग दो – तीन तिल्ला ल्याई

उसने अपने मित्र की बात के सामने आत्मसमर्पण करते हुये बोला ..ठीक भाईजी फेर दो ही देदयो

मैने रुके हुये हाथों से दो सिगरेट उसे दे दी !

ऊपर की जेब मे से 5 रूपये का एक नोट (जो ममता के प्रेम का आत्मीय सहयोग प्रतीत होता था) मेरे सामने रख दिया और तलाश शुरू की अपने दोस्त के लिए दुसरी सिगरेट का जुगाड़ की ………और जल्द ही कामयाबी मिली उसने इधर उधर करते हुये 5 रूपये और ईकठ्ठे किये और मेरे सामने रख दिये (पथभ्रष्ट सिक्के मानो मालिक के इस कायराना हरकत की वजह से एक मंच पर आये हुये लग रहे थे )

जल्दी से सीढ़ियो से उतरता हुआ वह मित्र की चलती हुई साईकल के पिछे भाग कर चढ गया ….हिलती डुलती साईकल को मित्र का आश्रय संतुलन मे ला चुका था

मैं कुछ दुरी तक उन्हे देख पा रहा था…

सहसा ……(पता नहीं मुझे क्या हुआ था)
अरररर रुकी रर् ……मैने जोर से पुकारा

(तुरंत ही उसने दोस्त को आदेश देते हुये कहा)
रुक रुक …
दोस्त दोस्त की बात की कद्र करते हुये अपने एक पैर को ज़मीन पर रखते हुये साईकल को रोकने का सर्वसाधारण तरीका अपनाया

अपनी समय हानी को उलहाना देता हुआ वह मेरे पास आया …

हाँ भाईजी ??? (वह प्रश्न वाचक तरीके से बोला)

मैने उसके सारे रूपये ईकठ्ठे किये और पता नहीं क्यो उसकी और बढा दिये

( शायद वह अपने शब्दो को रोकता हुआ आंतरिक पीड़ा को व्यक्त न कर सका …. उसे लगा की मैं उसे इस सुख को प्राप्त नहीं करने दे रहा )

बिना कुछ कहे अपनी ऊपर की जेब मे ह्ल्के से हाथ डालते हुये कोमलता से पकड़ते हुये सिगरेट वापिस मेरी तरफ कर दी और अपने दोस्त को रवाना करते हुआ धीरे से कहा ….आगली पर चाल र

एक गहरी सोच और चिंता मे डुबा हुआ मैं उन सिगरेटो को वापिस डब्बी मे डाल दिया

कुछ तो है जो गलत हो रहा है भविष्य के लिए सोचने की आवश्यकता है
आईये एक मुहीम शुरू करे नशे के खातमे के लिए …अपनी थोड़ी सी व्यक्तिगत कमाई के लिए भविष्य को खराब न होने देवे …कोई भी किशोर य़ा बालक नशीला पदार्थ खरीदे तो उसे तुरंत मना कर देवे और #भविष्य के बारे मे सजग करे …

धन्यवाद

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 482 Views
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