सिख कौम की महानता
सारी दुनिया में सिख कौम जैसी ,
महानता न कहीं दी दिखाई ।
गुरु गोबिंद सिंह जी ने बनाया इसे,
कोई तो बात उनके मन में आई ।
समाज हित और देश हित के लिए,
यह बहादुर कौम उन्होंने बनाई ।
बहादुरी और दरियादिली में अव्वल ,
ऐसी मिसाल तो इन्होंने दोहराई ।
वतनपरस्ती में सबसे अग्रणी है ये,
सीमा में जाबांजी इन्होंने सिखाई। ।
कला ,संगीत ,साहित्य,खेल ,राजनीति आदि,
सभी में अपनी महान उपस्थिति दर्शाई ।
शराफत, नेकनीयती और ईमानदारी,
सभी मानवीय गुणों से ओतप्रोत ये भाई।
सारा जग इनके नाम पर भरोसा करे,
यह इज्जत इन्होंने अपने दम पर कमाई।
बेशक आतंकवादियों ने इनका रूप ले,
इनको बदनाम करने की साजिश रचाई ।
मगर सोना तो खरा सोना ही ठहरा न !
उसपर कभी भी न आंच आने पाई ।
अपने गुरु के पंज प्यारों में प्यारे शिष्य,
शिष्य से परिवर्तित वर्तनी सिख हो आई ।
गुरुग्रंथ साहिब को अपनी प्रेरणा मानकर,
अपने गुरुओं की शिक्षा जीवन में अपनाई।
इन्होंने पंजाबी भाषा को सम्मान देने हेतु,
गुरुमुखी लिपी की शान जग में बढ़ाई।
वैसे इन्हें अपनी पंजाबी अति प्यारी ,
मगर इन्होंने अन्य भाषाओं में भी पकड़ बनाई।
जाति ,भाषा,क्षेत्र ,रंग,नस्ल कोई भेदभाव नही,
सभी के लिए स्वादिष्ट लंगर छकाने को ,
सजदा करने को गुरुद्वारा खुला है भाई ।
ऐसी महान कौम को ईश्वर का है प्राप्त वरदान,
ऐसी महान कौम को हमारा कोटि कोटि नमन।