सिकंदर
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इस दुनिया में हमारा अपना केवल और केवल वक़्त है , अगर वो सही तो सभी अपने वरना कोई नहीं….,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की पैसा इंसान की हैसियत बदल सकता हैं,औक़ात-विचार -संस्कार -व्यवहार और आचरण नहीं…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हमेशा जीतने वाला ही नहीं,बल्कि कहाँ पर क्या हारना है,ये जानने वाला भी सिकंदर होता है…,
आखिर में एक ही बात समझ आई की सिर पर तिलक लगाने ,माला एवं चोगा धारण करने ,सन्यास लेने मात्र से ही कोई साधु या ऋषि नहीं बन जाता , हकीकत में साधु या ऋषि बनने के लिए अपने समस्त विकारों को मारते हुए ,इन्द्रियों को वश में करते हुए ,सत्य के पथ पर चलते हुए ,रिश्ते नातों दुनियादारी से ऊपर न्यायसंगत रहते हुए पारिवारिक होते हुए भी मनुष्य ईश्वर से तार जोड़ सकता है ,जैसे राजऋषि जनक …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान