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5 Oct 2023 · 1 min read

साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,

साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
मौज हयात की लहरों से लिपटी हूँ।
समय की लहरों में तैरता जाता हूँ,
जिन्दगी की धारा में बहता जाता हूँ।

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