साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
मौज हयात की लहरों से लिपटी हूँ।
समय की लहरों में तैरता जाता हूँ,
जिन्दगी की धारा में बहता जाता हूँ।
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
मौज हयात की लहरों से लिपटी हूँ।
समय की लहरों में तैरता जाता हूँ,
जिन्दगी की धारा में बहता जाता हूँ।