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8 Sep 2021 · 1 min read

साहिल की रेत पर

साहिल की रेत पर
सो रहे हैं
कुछ ख्वाब
समुन्दर से निकली
किनारे लगी
छटपटाती मछलियों से
पूरे नहीं होंगे शायद कभी
यह ख्वाब पर
उम्मीद की किश्ती
आस का चप्पू
हाथ में लिए
फिर भी
हवाओं संग लहरा रही
अठखेलियां कर रही
लहरों संग बहकर
उछल उछलकर
ऐसा प्रतीत हो रहा कि
कहीं उड़ती सी ही जा रही।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 241 Views
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