कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
*किसी कार्य में हाथ लगाना (हास्य व्यंग्य)*
धोखा देना या मिलना एक कर्ज है
और वो एक कंपनी का “COO” हो गया.
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां
मुक्तक-विन्यास में एक तेवरी
"बैठे हैं महफ़िल में इसी आस में वो,
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
उनके आने से सांसे थम जाती है