– साहित्य मेरी जान –
– साहित्य मेरी जान –
साहित्य मेरी जान,
साहित्य मेरी आन ,
साहित्य मेरी बान,
साहित्य से ही मेरी शान,
साहित्य मेरा जीवन है,
साहित्य से ही मेरा मरण हो,
साहित्य के लिए ही जिए भरत,
साहित्य मेरी आत्मा ,साहित्य ही मेरी देह,
साहित्य मेरा परमात्मा ,
साहित्य मेरा मंदिर है ,
साहित्य मेरी मस्जिद है,
साहित्य को ही मेरे लिए गिरजाघर जान,
साहित्य मेरी पूजा है साहित्य ही मेरा ध्यान,
साहित्य भरत के लिए है संजीवनी समान,
साहित्य के बिना ए दुनिया गहलोत को तू मरा हुआ जान,
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र – 7742016184