साहित्यपीडिया और मेरी कविताएं
अब मेरी भी कविताओं का नाम है,
साहित्यपीडिया में मेरा एक प्रोफाइल है ।
लिख पाऊं रंग – बिरंगे ख्वाब , बुन बैठा मन में
लाइक मिले , मिले कॉमेंट और अवार्ड
लिखता हूं लिखता चल बस यही श्वास विश्वास।
सबकी बस एक कहानी है, एक राजा और रंक
मंच में पारखी और मझे हुए कलाकार है
सब की अपनी एक उम्मीद और नयी पहचान
टूटे दिल की आहट है, भूली बिसरी ख्वाब है ।
साहित्यपीडिया ने मेरे कविताओं को प्राण दिया
नहीं तो बेजान सी थी , कविताएं मेरी और मैं
जीवन की बोल – चाल में आया एक नया सैलाब
न कोई भेद -भाव, साहित्यपीडिया का इंसाफ।
रोष सहता ,दर्द झेलता बस करता हल्का मन
मन की मोतियों से खुशियों का माला पिरोता
कलम की दरकार नहीं संचार का युग में
मोबाइल उठाओ या कम्प्यूटर पर टाइप करो
और साहित्यपीडिया पर अपलोड करो।
सुबह का सूर्य नमस्कार या पूर्णिमा का चांद
बरसात हो , बसंत हो, गर्म हवा या शीत हो
कलाकारी की बाजार में उड़ेल दूं अपने भावों
बिगड़ी सभी चीजें संवर जायेगा ।
प्रतियोगिता का भी है लगता बाजार
पुरस्कार मिलता और अवार्ड भी मिलता
लिखता चल बस यूं ही लिखता चल
साहित्यपीडिया है तेरे साथ।।
गौतम साव