साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
-आचार्य रामानंद मंडल
समानान्तर मैथिली साहित्य आन्दोलन के प्रणेता साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर एकटा विरला साहित्यकार हतन।वो एगो खोजी साहित्यकार हतन।हिनका साहित्य मे सत्य के उद्घाटन होइत हय। मैथिली साहित्य मे दू गो धारा हय।
पहिल मूल धारा।जैंमे ब्राह्मणवादी आ नव ब्राह्मणवादी साहित्यकार के साहित्य हय। ब्राह्मणवादी माने मैथिल ब्राह्मण आ कर्ण कायस्थ के साहित्य आ नव ब्राह्मणवादी मे गैर ब्राह्मण आ कर्ण कायस्थ के साहित्य।
दोसर समानान्तर धारा। जैंमे विशुद्ध रूप से सोल्हकन/रार माने कि संवैधानिक रुप से एससी/ओबीसी के मैथिली साहित्य हय।जे वंचित आ उपेक्षित हय। जेकरा मैथिली साहित्य के मूल मैथिली साहित्य मे न मानल आ राखल जाइ हय।इ आदि कालि से चल आ रहल हय। जेना कि आदिकवि विद्यापति नाई।जे कविशेखर जोतिश्वर से पहिले भेल रहे।वो पदावली के रचना कैले रहलन आ हुनकर विदापत नाच वोइ समय मे प्रसिद्ध रहै।जिनकर चर्चा कवि जोतिश्वर अप्पन रचना वर्णरत्नाकर मे कैले रहलन। परंतु आइ के समय मे आदिकवि विद्यापति नाई से लोग अनजान हय।हुनका मैथिली साहित्य इतिहास मे छुपा देल गेल वा उपेक्षित कैल गेल।
परंतु चर्चित साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर अप्पन मैथिली विदेह इ पत्रिका के लोगो आदिकवि विद्यापति नाई के बनैलन। हुनकर व्यक्तित्व आ कृतित्व के अप्पन साहित्य -नित नवल सुभाष चन्द्र यादव मे कैलन। आदिकवि विद्यापति नाई के चित्र विदेह सम्मान से सम्मानित पनक लाल मंडल बनैले हतन।
मैथिली साहित्यकार आंदोलनकारी गजेन्द्र ठाकुर आइ समानान्तर मैथिली साहित्य आन्दोलन के माध्यम से दलित, उपेक्षित वर्ग के साहित्यकार के प्रोत्साहित क रहल हतन। हुनका साहित्य मे दबल -कुचल समाज के व्यक्ति के साहित्य मे मान दे रहल हतन। परंतु ब्राह्मणवादी साहित्य मे बर्चस्ववादी के मानबर्द्धन आ दबल कुचल समाज के जाति वा व्यक्ति के मान मर्दन
कैल जाइत हय।
जौंकि साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर साहित्यकार राजदेव मंडल पर पोथी लिखैत हतन -राजदेव मंडल -मैथिली राइटर आ जगदीश प्रसाद मंडल -एकटा बायोग्राफी लिखैत हतन।
मैथिली समीक्षाशास्त्र मे कवि रामदेव प्रसाद मंडल झाड़ूदार के मैथिली के पहिल जनकवि के उपमा देइत हतन।हुनकर कविता संग्रह अम्बरा के २१ वीं शताब्दी के सर्वश्रेष्ठ मैथिली कविता संग्रह बताबैत हतन।
खोजी साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर अप्पन साहित्य मे समानान्तर धारा के साहित्यकार के चर्चा करैत हतन जे मूल धारा के साहित्य मे दुर्लभ हय। जेना –
संदीप कुमार साफी , उमेश पासवान,बेचन ठाकुर,कपिलेश्वर राउत,उमेश मंडल , रामविलास साहु, राजदेव मंडल,नंदविलास राय, जगदीश प्रसाद मंडल, दुर्गानंद मंडल, आचार्य रामानंद मंडल,ललन कुमार कामत, नारायण यादव , मुन्नी कामत,शिव कुमार प्रसाद, धीरेन्द्र कुमार, रामदेव प्रसाद मंडल झाड़ूदार, सुभाष चन्द्र यादव आ किशन कारीगर आदि।
कथाकार आ उपन्यासकार गजेन्द्र ठाकुर मैथिली लेखक कोश निर्माता आ विदेह (मिथिला) इतिहास के जानकार हतन ।ओ मैथिली भाषा के तिरहुता लिपि मे लिखल ११००(एगारह सौ) ताल पत्र -बसहा पत्र पर लिखल अभिलेख के देवनागरी लिपि में लिखलन।ओ पंजी सभ मिथिला क्षेत्र के मैथिल ब्राह्मण समुदाय के आनुवंशिक लेखक हतन।आ अइमे लगभग १०० अंतर्जातीय विवाह सेहो लिखित रूप मे वर्णित हय।आइ तक पौराणिक बुझल जाए वाला व्यक्तित्व सभ के लिखित प्रमाण पहिले बेर उपलब्ध भेल हय।
पिता कृपानन्द ठाकुर आ माता लक्ष्मी ठाकुर के कुल दीपक ओजस्वी गजेन्द्र ठाकुर हतन। हिनकर जन्म ३०मार्च १९७१के भेल रहय। हिनकर मूल गाम मधुवनी जिलान्तर्गत मेंहथ हय। वर्तमान में गजेन्द्र ठाकुर विदेह इ पत्रिका के संपादक सेहो हतन। पत्रिका के विदेह इ लर्निंग माध्यम से संघ लोक सेवा आयोग/ बिहार लोक सेवा आयोग के परीक्षा लेल मैथिली (अनिवार्य आ ऐच्छिक)आ आन ऐच्छिक विषय आ सामान्य ज्ञान (अंग्रेजी माध्यम)संगे एन टी ए-यूजीसी -नेट मैथिली लेल सामग्री प्रस्तुत करैत हतन जे प्रतियोगी विद्यार्थी लाभन्वित करैत हतन।
विदेह पेटार मे लगभग हजार पोथी संग्रहित हय।जे पाठक वा विद्यार्थी पढ सकैत हय वा पीडीएफ डाउन लोड कर सकैत हतन।
विदेह सम्मान के तहत् समानांतर साहित्य अकादमी, समानान्तर ललित कला अकादमी आ समानान्तर संगीत -नाटक अकादमी सम्मान आ पुरस्कार देल जाइ हय जैइसे समानान्तर धारा के व्यक्ति अप्पन क्षेत्र में बेहतर करे के लेल प्रोत्साहित होइत हतन।
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर मैथिली साहित्य जगत के युगपुरुष हतन। हिनकर व्यक्तित्व आ कृतित्व मिशाल हय।
संपादकीय टिप्पणी -रामानंद जी जातिक आधार पर ब्राह्मणवाद के बांटि देने छथि जखन कि विदेह मात्र मानसिकता केर बात करै छै। विदेह लेल ने ते सभ ब्राह्मण ब्राह्मणवादी छै आ ने सभ दलित सहानुभूतिक पात्र। गजेन्द्र ठाकुरक आलोचनामे रमानंद झा रमण ब्राह्म्णवादी छथि त तारानंद वियोगी नव ब्राह्मणवादी।जखन कि रमानंद झा रमण ब्राह्मण जाति केर छथि त तारानंद वियोगी गैर ब्राह्मण -गैर कायस्थ जातिक।
*****
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी।