Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2018 · 1 min read

साहस

कुछ पाकर खो देने का डर
कुछ न पा सकने का भय
जिंदगी के पटरी से
उत्तर जाने की चिंता
इन्ही छोटे छोटे डरो से
घिरी रहती है जिंदगी
लेकिन जिस वक्त लेते है ठान
करना है कुछ नया काम
तभी लेता है जन्म साहस
और फिर कभी नही रुकते कदम
मंजिलो तक ले जाता है साहस
कोई भी सकल्प नही होता
हौसले के बिना पूरा
पत्थरो को आपस में रगड़ते हुए
डरा होता इन्सान चिंगारियों से
तो पैदा न कर पाता आग
बुद्ध ने यदि साहस न किया होता
तो हम रहते घिरे अज्ञान से
हिममत की अग्रेजो से टकराने की
तभी मिली आजादी।
जिंदगी के हर लम्हे में
हर मोड़ पर है साहस जरूरी
हिममत है ऐसा नायाब गुण
जिसके जरिये होती है
आसान हर राह
मुमकिन हो पाता है
हर सफर तय करना

Language: Hindi
182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
Madhuri Markandy
"दलित"
Dr. Kishan tandon kranti
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
AMRESH KUMAR VERMA
सूना आज चमन...
सूना आज चमन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
अमर्यादा
अमर्यादा
साहिल
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
Pratibha Pandey
*सुबह-सुबह अच्छा लगता है, रोजाना अखबार (गीत)*
*सुबह-सुबह अच्छा लगता है, रोजाना अखबार (गीत)*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-479💐
💐प्रेम कौतुक-479💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फितरत बदल रही
फितरत बदल रही
Basant Bhagawan Roy
*
*"बसंत पंचमी"*
Shashi kala vyas
कभी कभी मौन रहने के लिए भी कम संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
कभी कभी मौन रहने के लिए भी कम संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
Paras Nath Jha
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
Nasib Sabharwal
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
ruby kumari
■ हुडक्चुल्लू ..
■ हुडक्चुल्लू ..
*Author प्रणय प्रभात*
मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष
मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष
महेश चन्द्र त्रिपाठी
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
हिम्मत है तो मेरे साथ चलो!
हिम्मत है तो मेरे साथ चलो!
विमला महरिया मौज
दरअसल बिहार की तमाम ट्रेनें पलायन एक्सप्रेस हैं। यह ट्रेनों
दरअसल बिहार की तमाम ट्रेनें पलायन एक्सप्रेस हैं। यह ट्रेनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
पूर्वार्थ
खुद के होते हुए भी
खुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
राखी सबसे पर्व सुहाना
राखी सबसे पर्व सुहाना
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुम कौन हो
तुम कौन हो
Dr.Pratibha Prakash
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
प्रीतम श्रावस्तवी
एक सपना
एक सपना
Punam Pande
Loading...