साहस जिंदगी की।
उठ,चल,तैयार हो,
अब ना रह निराश तु।
बदल जाएगा वक्त एक दिन,
रख जिंदगी पर विश्वास तु।।
जो भी है मजबूरियां,
उनको बना हथियार तु।
कुछ भी है मुश्किल नहीं,
सिर्फ ले नया अवतार तु।।
सबका यही है दीन दशा,
सुखी कौन इंसान है।
कर्म अपना करते रह,
सबके लिए भगवान हैं।।
सुख दुख जीवन के पहलू है,
इनसे ना मुंह छिपाना है।
संघर्ष करके, एक दिन,
विजय पताका फहराना हैं।।
जो जिंदगी से लड़ा है,
वह जीवन में आगे बढ़ा है।
किस्मत को जिसने कोसा है,
वह आज भी वही का वही खड़ा है।।
✍️ प्रजापति कमलेश बाबू,,,?
ग्राम-परसौनी बाजार,,,
हाटा,कुशीनगर,,,,
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