सास बहू का झगड़ा
घी बनाए खाचिडी, नाम बहू का होय,
इसी बात पर सास बहू का झगड़ा होय।
कौन करे इनका फैसला,जो दोनो ही सहमत होय,
दोनों को समझने पर,दोनों में से कोई चुप न होय।
बहू कहे सास से,क्यों तू समझावत मोए,
एक दिन ऐसा आएगा,मै स्मझावत तोय ।
सास कहे बहू से,घर में मै सबसे बड़ी होय,
कहा न मानेगी तू मेरा तो घर से बाहर होय।
बहू बोली सास से,तू कैसे बाहर कर देगी मोय,
एक दिन ऐसा आयेगा, मै बाहर कर दूंगी तोय।
तू मुझे क्या बाहर करेगी,मै बाहर कर दूंगी तोय,
चुगली कर तेरे खसम से,मै ही पिटवा दूंगी तोय।
घर घर चूल्हे मटियाले है,ये सबके घर में होय,
भले ही गैस चूल्हे आ गए,तब भी झगड़ा होय।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम