सावन
सावन (गीत)
सावन में शंकर आयेंगे सावन में।
जन – जन को भस्म लगाएंगे सावन में।
शंकर बिना कहाँ मन लागे?
शिवशंकर से ही जग जागे।
आयें भोले नाथ धरा के आँगन में।
सावन में शंकर आयेंगे सावन में।
लेकर डमरू नृत्य निराला।
सबको दें खुशियां मृदु हाला।
हो पवित्र सबका मन भावन आवन में।
सावन में शंकर आयेंगे सावन में।
ले त्रिशूल चमकेंगे प्रभुवर।
मृगछाला में योगी शंकर।
सावन में मस्त फकीरी है भावन में।
सावन में शंकर आयेंगे सावन में।
अति शुभ सुकाल प्रभु लाएंगे सावन में।
हिन्दी काव्य रत्न डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।