सावन
मेरे ख्वाबों में छा जाता
मुझ पर प्रेम सुधा बरसाता
कर देता है मुझको पागल
का सखि साजन, ना सखि बादल
साथ मुझे इसका है भाता
भीग मेरा ये तन मन जाता
पूर्ण करे मेरी हर ख्वाहिश
का सखि साजन, ना सखि बारिश
नहीं भिगोता है केवल तन
गीला कर देता है ये मन
हरा भरा इससे ही जीवन
का सखि साजन, ना सखि सावन
सावन जाने पर है आता
सच पूछो तो बहुत सताता
नाम जरा इसका बतला दो
का सखि साजन, ना सखि भादो
डॉ अर्चना गुप्ता
08.07.2024