“सावन”
चहक उठी है
रोशनी चांद की
महक उठे है फ़ूल
लहरें मग्न हुए बलखाए
बहक रहे है धूल
चारों दिशाओं में लहराते
पवन के झोकें नाचें गाएं
हरियाली है धूम मचाए
कोयल मीठी बोल सुनाएं
पहन सुहागन हरी चूड़ियां
झूला झूले मस्त पवन में
सावन की बरसात निराली
बने योवन हर डाली डाली।