सावन 💐💐💐
सावन माह की शुभकामनाएं ” मेरे इन छूट -पुट वर्णों में📝📝📝📝👇👇👇
सावन तो हरा वन,
न सावन तो हारा वन,
हारा मन,
हा मन!
हा! सावन विन सूना जीवन।
हर सावन हर* का सावन,
प्रकृति का साजन।
पशु-पक्षी का,
वृक्ष-वनस्पति और
जगज्जङ्गम का भी कारण।
नदी-नाले-ताल-सरोवर और
अर्णव*-तल का प्रक्षालन,
संतारण।
सच सावन है अतिपावन।।
सावन अभी से कर रहा है ,
आगामी जगत् का पालन,
कराता,
विकसित-कुसुम-स्मितानन से मेलन ,
आहा! सावन में जगत् नवम्।।
सावन नव-सा ,
उत्साहित करता नर-मन,
दादूर*-टर्टराहट,
ध्वनित भयप्रद,
रहत गुंजित,
खग-कुल कलनम्*,
देखो! सावन गायक बनकर ,
बहुविध छेड़े सभी सरगम।
टप-टुप वर्षण,
झर-झिर नदन,
झम-झम स्यन्दन,
सप्तवर्णेन्द्रधनु-संग दामिनी*,
गडत्-गडगडाहट वादन,
नृत्त-नृत्य में ,
नर्तक केकी*,
केकारव में स्वर-सम्मेलन,
अहो सावन में मगन गगन।
सूखी नदी ,
सुखी बनी,
नाला काला,
धवल हुआ,
नदी किनारे,
तृण-समूहों से प्रबल बने,
सावन से ही सबल बने,
अहो अभित सघन सावन।।
###समाप्त##
संकेत-
* शिव सागर,मेंढक,*आवाज,*बिजली,*मोर।।