Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2023 · 2 min read

सावन: मौसम- ए- इश्क़

वक़्त की बाँह थामें यादें बरकरार हैं…
सुने कोई इस मौसम- ए- इश्क़ की सदाएँ,
ये भी तो कितना कुछ कहने को बेकरार है।
ये बारिशें उन्मुक्त गगन में बिखेर जाती हैं कुछ अनकहे- से अल्फ़ाज़…
सुने कोई तो सुनाई देगी,
बारिशों का धरा से विरह और उसकी खामोश आवाज़।
बारिश की इन बूँदों के संग बहने लगा है कारवां यादों का…
उसने पिछले सावन जो वादे किये थे न मोल रहा अब उन वादों का।
हजारों टुकड़ों में ख्वाहिशें बिखर गई टूटकर…
प्रेम की राह का सफ़र भी अजीब रहा,
मंज़िले चली गई हमेशा के लिए हमसे रूठकर।
ये बूंदें कर जाती हैं कुछ शरारतें, कुछ नादानियाँ…
संग अपने ले आती हैं वो प्रेम की निशानियाँ।
रेत- सी ये ज़िंदगी हर घड़ी निरंतर चल रही है…
ये प्रेम की ज्वाला है बारिशों में भी जल रही है।
हर सावन की पहली बारिश में…
सोचती हूँ,
अभी भी दिल के किसी कोने में कोई ख्वाहिश, कोई अरमान बाकी है या नहीं।
जाते- जाते वो संग अपने मेरे चेहरे की मुस्कान ले गया…
सोचती हूँ, इस जिस्म में जान बाकी है या नहीं।
एक अकेले खंडहर की तरह हूँ मैं…
जहाँ सिर्फ़ तेरी यादों का बसेरा है,
इस जीवन के सफ़र में अब बादलों की काली घटा छा गई…
बस अब अंधेरा ही अंधेरा है।
निशब्द, ख़ामोश गहराइयों में सिमट कर रह गई है किस्मत…
प्रेम को जीना ही है सिर्फ़ जन्नत।
शहर से उसके…
बहते हुए छूकर निकल गई है मुझको ये फ़िज़ा,
बारिश की इन बूँदों से खिल उठी है ये धरा।
हज़ारों मायूसियों के बावजूद जहाँ जलती रहे प्रेम की लौ…
कुछ इस तरह का होता है प्रेम पावन,
इन यादों में ही गुज़र जाता है हर बार मेरा सावन…!!!!!
-ज्योति खारी

Language: Hindi
7 Likes · 7 Comments · 243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपने ख्वाबों से जो जंग हुई
अपने ख्वाबों से जो जंग हुई
VINOD CHAUHAN
मृदुभाषी व्यक्ति मीठे अपने बोल से
मृदुभाषी व्यक्ति मीठे अपने बोल से
Ajit Kumar "Karn"
*आए सदियों बाद हैं, रामलला निज धाम (कुंडलिया)*
*आए सदियों बाद हैं, रामलला निज धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जो कभी सबके बीच नहीं रहे वो समाज की बात कर रहे हैं।
जो कभी सबके बीच नहीं रहे वो समाज की बात कर रहे हैं।
राज वीर शर्मा
चेहरा सब कुछ बयां नहीं कर पाता है,
चेहरा सब कुछ बयां नहीं कर पाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
Neeraj kumar Soni
अगर सपने आपके है तो चुनौतियां भी आप की होंगी  और कीमत भी आपक
अगर सपने आपके है तो चुनौतियां भी आप की होंगी और कीमत भी आपक
Sanjay ' शून्य'
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
निंदा वही लोग करते हैं, जिनमें आत्मविश्वास का
निंदा वही लोग करते हैं, जिनमें आत्मविश्वास का
Dr fauzia Naseem shad
सफलता तीन चीजे मांगती है :
सफलता तीन चीजे मांगती है :
GOVIND UIKEY
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम ,   रहेंगे जुदा ना ,ना  बिछुड़ेंगे
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम , रहेंगे जुदा ना ,ना बिछुड़ेंगे
DrLakshman Jha Parimal
सभी नेतागण आज कल ,
सभी नेतागण आज कल ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
संत रविदास!
संत रविदास!
Bodhisatva kastooriya
हमदम का साथ💕🤝
हमदम का साथ💕🤝
डॉ० रोहित कौशिक
शायरी 1
शायरी 1
SURYA PRAKASH SHARMA
बसंती बहार
बसंती बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
Sonam Puneet Dubey
23/190.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/190.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅उजला पक्ष🙅
🙅उजला पक्ष🙅
*प्रणय*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
ओसमणी साहू 'ओश'
आया जो नूर हुस्न पे
आया जो नूर हुस्न पे
हिमांशु Kulshrestha
बड़ी अजब है प्रीत की,
बड़ी अजब है प्रीत की,
sushil sarna
"दुनिया को दिखा देंगे"
Dr. Kishan tandon kranti
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
निकाल देते हैं
निकाल देते हैं
Sûrëkhâ
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
Loading...