सावन (बालगीत)
सावन (बालगीत) – दादी कहती सावन आया
(मेरे बाग के फूल अनुष्का, हर्ष, ओम, अनन्या, देव और ईश्वर रूपी सभी बाल – गोपालों को समर्पित)
दादी कहती सावन आया
अम्मा देखो बादल छाया
दादी कहती सावन आया
तितली उड़ती रंग-बिरंगी
आसमान हुआ सतरंगी
मौसम बड़ा मनभावन आया
दादी कहती सावन आया
दीदी चलो पौधें लगायें
नीले-पीले फूल खिलायें
दादा की बगिया महकायें
आओ मिलकर झूमर गाएं
राखी पर्व पावन आया
दादी कहती सावन आया
बारिश हो रही छम-छम
बिजली चमक रही चम-चम
बैलों की घंटी टन-टन
चाची की चूड़ी खन-खन
मेढ़क टर्र –टर्र गावन आया
दादी कहती सावन आया
-निशांत ‘शीलराज’