सावन, प्रेम
दोहा
रिमझिम सावन आ गया, छाइ घटा घनघोर ।
कोयल कूके बाग में, मोर मचाए शोर।।
चोरी करके राधिका, नाचे दे कर ताल ।
श्याम मनोहर रूप को,घेरे कुंतल जाल ।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हि० प्र०
दोहा
रिमझिम सावन आ गया, छाइ घटा घनघोर ।
कोयल कूके बाग में, मोर मचाए शोर।।
चोरी करके राधिका, नाचे दे कर ताल ।
श्याम मनोहर रूप को,घेरे कुंतल जाल ।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हि० प्र०