Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2024 · 1 min read

सावन के झूलों पे, पूछे सखियाँ

शेर- मत तड़पा मुझको ऐसे, मेरे पिया तू सावन में।
आया है अम्बर भी मिलने, अपनी मेघा से सावन में।।
मुझको नहीं ऐसे रुला तू , इन सावन के झूलों पे।
आजा छोड़ परदेश अब, मुझसे मिलने तू सावन में।।
————————————————————
सावन के झूलों पे, पूछे सखियाँ।
मुझसे तेरा नाम-पता,मेरे पिया।।
ओ पिया, ओ पिया,सावन में मिलने तू आजा पिया।(2)
सावन के झूलों पे———————–।।

यह बरखा रानी, पूछती है मुझसे।
तेरे पिया क्यों, दूर है तुझसे।।
राह तेरी देखें, मेरी अँखियाँ।
सावन में मिलने तू ,आजा पिया।।
ओ पिया, ओ पिया,सावन में मिलने तू आजा पिया।(2)
सावन के झूलों पे———————–।।

बागों में मोरनी भी, नाचे झूम- झूमकर।
मेघा को मिलने आया, अम्बर भी उड़कर।।
सात समुंदर तू , पार कर नंदियाँ।
सावन में मिलने तू , आजा पिया।।
ओ पिया, ओ पिया,सावन में मिलने तू आजा पिया।(2)
सावन के झूलों पे————————।।

सावन अधूरा जैसे, बरखा बिना।
श्रृंगार अधूरा मेरा, तुम्हारे बिना।।
लिखती हूँ रोज तुमको, मैं चिट्ठियां।
सावन में मिलने तू , आजा पिया।।
ओ पिया, ओ पिया,सावन में मिलने तू आजा पिया।(2)
सावन के झूलों पे————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
123 Views

You may also like these posts

क्या कोई नई दुनिया बसा रहे हो?
क्या कोई नई दुनिया बसा रहे हो?
Jyoti Roshni
तरसाके जइबू तअ पछतअइबू
तरसाके जइबू तअ पछतअइबू
Shekhar Chandra Mitra
World Earth Day
World Earth Day
Tushar Jagawat
" माटी की कहानी"
Pushpraj Anant
एहसास हो ऐसा
एहसास हो ऐसा
Dr fauzia Naseem shad
ऐसे थे पापा मेरे ।
ऐसे थे पापा मेरे ।
Kuldeep mishra (KD)
मेरी बगल में उनका महान हो गया
मेरी बगल में उनका महान हो गया
RAMESH SHARMA
अमृत
अमृत
Rambali Mishra
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
gurudeenverma198
हिन्दी दोहे- चांदी
हिन्दी दोहे- चांदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी
Dr. Upasana Pandey
चलती  है  जिन्दगी  क्या ,  सांस , आवाज़  दोनों ,
चलती है जिन्दगी क्या , सांस , आवाज़ दोनों ,
Neelofar Khan
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
- मेरे ख्वाबों की मल्लिका -
- मेरे ख्वाबों की मल्लिका -
bharat gehlot
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
Ashwini sharma
"सबकी नज़रों में एकदम कंगाल हूँ मैं ll
पूर्वार्थ
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
शेखर सिंह
खड़ा चुनावों में है जो उसमें  , शरीफ- गुंडे का मेल देखो   (म
खड़ा चुनावों में है जो उसमें , शरीफ- गुंडे का मेल देखो (म
Ravi Prakash
क्रोध
क्रोध
ओंकार मिश्र
दलितजनों जागो
दलितजनों जागो
डिजेन्द्र कुर्रे
आवाजें
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
माया
माया
pradeep nagarwal24
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3008.*पूर्णिका*
3008.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भागम भाग
भागम भाग
Surinder blackpen
शीर्षक -
शीर्षक -"मैं क्या लिखूंँ "
Sushma Singh
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
Pramila sultan
Loading...