सावन का मौसम आया
सावन का मौसम आया
चारों तरफ छाई है हरियाली।
पत्ते-पत्ते सब झूम रहे है
झूम रही है डाली-डाली।
फूलों की छटा देखो
लगती है मन को हरने वाली।
सोंधी-सोंधी खुशबू लेकर
बह रही है हवा निराली।
धरती के कण-कण मे देखो
फैल रही है खुशहाली।
सुरज छुपा है बदरी के अंदर
निखर रही है थोड़ी-थोड़ी लाली।
बारिश अपनी बुँद-बुँद से दे रही है,
सुखी धरती को जीवन की प्याली।
कुएँ तालाब सब भर रहे है
जो अभी तक हो गए थे खाली।
मोर पपीहा मदहोश होकर नाच रहे है।
कोयल गा रही है होकर मतवाली।
हरा-भरा अपने उपवन को देखकर
बड़ा खुश हो रहा है माली।
आसमान में इन्द्रधनुष ने
अपनी छटा है बिखरा ली।
देख उसे सब बच्चे सारे
बजा रहे है झूम-झूमकर ताली।
ठंडी-ठंडी पुरवाई हवा
चली रही होकर मतवाली।
जिसे देखकर हर आँगन-आँगन
पकवानों से भर रहा है थाली।
अनामिका