Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2019 · 1 min read

सावन का महीना

सावन का महीना हो रही है काली रैन
सजन अब चले आओ जिया है बैचैन

जहाँ भी हो चले आओ छोड़ सब काम
जल रहा है तन बदन तरस रहें मेरे नैन

पिया मिलन की आस लौट भी आओ
राह ताके अँखियाँ बरस रहें हैं दो नैन

सावन बयार मेरे दिल को रहे चीरती
अनिल संग चले आओ बरस रहें नैन

दहकते अंग प्रत्यंग यौवन के ताप से
सांसे भी हैं गरम गरम विग्रह बैचैन

पक्षी सब नीड़ में हैं प्रेमरस में लीन है
जोगन की पीड़ा हरो रंग जाओ रैन

मन उदास है धन माया किस काम की
आओ अब आ ही जाओ बिलखते नैन

सावन का महीना हो रही है काली रैन
सजन अब चले आओ जिया है बैचैन

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
442 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जाने क्यों तुमसे मिलकर भी...
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी...
Sunil Suman
ख़यालों के परिंदे
ख़यालों के परिंदे
Anis Shah
पिता की व्यथा
पिता की व्यथा
Chitra Bisht
सफल हुए
सफल हुए
Koमल कुmari
खरोंच / मुसाफ़िर बैठा
खरोंच / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
इश्क़ का मौसम रूठने मनाने का नहीं होता,
इश्क़ का मौसम रूठने मनाने का नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जलधर
जलधर
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
टूटी हुई उम्मीद की सदाकत बोल देती है.....
टूटी हुई उम्मीद की सदाकत बोल देती है.....
कवि दीपक बवेजा
ज़िंदगी यूँ तो बड़े आज़ार में है,
ज़िंदगी यूँ तो बड़े आज़ार में है,
Kalamkash
खुद का नुकसान कर लिया मैने।।
खुद का नुकसान कर लिया मैने।।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
रक्षा के पावन बंधन का, अमर प्रेम त्यौहार
रक्षा के पावन बंधन का, अमर प्रेम त्यौहार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जगदम्ब भवानी
जगदम्ब भवानी
अरशद रसूल बदायूंनी
मज़िल का मिलना तय है
मज़िल का मिलना तय है
Atul "Krishn"
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" वफादार "
Dr. Kishan tandon kranti
मैं जैसा हूँ लोग मुझे वैसा रहने नहीं देते
मैं जैसा हूँ लोग मुझे वैसा रहने नहीं देते
VINOD CHAUHAN
***कृष्णा ***
***कृष्णा ***
Kavita Chouhan
झरोखे की ओट से
झरोखे की ओट से
अमित कुमार
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
काली रजनी
काली रजनी
उमा झा
-मोहब्बत नही है तो कुछ भी नही है -
-मोहब्बत नही है तो कुछ भी नही है -
bharat gehlot
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
Phool gufran
हम अरण्यरोदण बेवसी के जालों में उलझते रह गए ! हमें लगता है क
हम अरण्यरोदण बेवसी के जालों में उलझते रह गए ! हमें लगता है क
DrLakshman Jha Parimal
!! यह तो सर गद्दारी है !!
!! यह तो सर गद्दारी है !!
Chunnu Lal Gupta
राष्ट्र भाषा हिंदी
राष्ट्र भाषा हिंदी
Dr.Pratibha Prakash
*चलो आज झंडा फहराऍं, तीन रंग का प्यारा (हिंदी गजल)*
*चलो आज झंडा फहराऍं, तीन रंग का प्यारा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
#सुप्रभात-
#सुप्रभात-
*प्रणय*
दोहा त्रयी. . . शीत
दोहा त्रयी. . . शीत
sushil sarna
3592.💐 *पूर्णिका* 💐
3592.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
Loading...