सावन का महीना आया
सावन का महीना आया, शिव नाम से मन हर्षाया।
गंगा विराजे जटा में जिसके, उसके नाम में अमृत पाया।।
शिवशंभू की पूजा कर, शिव का जयकारा लगाया।
डम डम बजाकर के डमरू, महादेव का गुण-गान गया।।
सावन का महीना आया, कोयल कुकी मोर नाचा।
तृप्त हुई प्यासी ये वसुंधरा, उत्सव का माहौल है छाया।।
चहुं ओर की हरियाली से, श्रृष्टि लग रही मनभावन।
प्रफुल्लित होकर मन, रिमझिम बारिश की बूंदों में नाचा।।
— सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार